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Last Updated 4/12/2017 4:38
Sat, 15 Jun 2024
Dhul-Hijjah 8, 1445
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सत्य मार्ग

सत्य मार्ग

सत्य मार्ग

यह पुस्तक सत्य धर्म को पहचानने और उसे स्वीकारने का आमंत्रण देती है क्योंकि वही एक मात्र विकल्प है जो मानवता के लिए लोक एवं परलोक में सफलता,

सौभाग्य और नरक से मोक्ष प्राप्त करने का एकमात्र साधन है। प्रस्तुत पुस्तक इस बात पर प्रकाश डालती है कि मानव जाति की रचना का उद्देश्य क्या है – वह एकमात्र अल्लाह सर्वशक्तिमान की उपासना और आराधना है। इसिलए कि वही वास्तव में उपासना के योग्य है क्योंकि वही सबका सृष्टा, रचयिता,

पालनकर्ता, व्यवस्थापक है तथा उसके अच्छे अच्छे नाम और सर्वोच्च गुण हैं। मानव जाति को अल्लाह के नियम, आदेशों और उसकी प्रसन्नता की चीज़ों को जानने के लिए संदेष्टा और ईश्दूतों की आवश्यकता होती है। चुनाँचे अल्लाह ने ईश्दूतों को भेजा और उनके साथ किताबें उतारी ताकि वे लोगों को अल्लाह के आदेश और निषेध से अवगत कराएं। उन महान पुरूषों ने अल्लाह के एकेश्वरवाद का आमंत्रण दिया, जिसका उल्लेख पिछले आकाशीय ग्रंथों और हिंदूमत के वेदों में भी मिलता है। सबसे अंतिम ईश्दूत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं जिन पर अल्लाह ने अपना अंतिम और अनन्त दिव्य क़ुरआन उतारा जो सर्व मानव जाति के लिए मार्गदर्शक है। जिसका पालन करके ही मनुष्य लोक एवं परलोक में सफलता,

सौभाग्य और नरक से मुक्ति प्राप्त कर सकता है। वह सत्य धर्म इस्लाम है जिसे हमारे सृष्टा ने असंख्य गुणों और विशेषताओं से सुसज्जित किया है। अतः आईये इसके पन्नों को पढ़ें और मननचिंतन करें कि क्या यह जीवन असीमित है या उसका कोई अंत है ॽ और मृत्यु के पश्चात क्या होगा ॽ

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